गुजरात सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर पांच प्रतिशत कर छूट की घोषणा की है. परिणामस्वरूप, ईवी खरीदारों को अपने वाहनों पर केवल एक प्रतिशत आरटीओ टैक्स देना होगा. प्रारंभ में राज्य की 2025 की बजट घोषणा में प्रस्तावित इस कानून को अब मंजूरी दे दी गई है, और मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा. सरकार ने कहा है कि वाहन 4.0 पोर्टल पर वाहनों को ऑनलाइन पंजीकृत करके कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
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स्पष्ट बताते हुए, इसका उद्देश्य राज्य में ईवी को अपनाने को बढ़ावा देना है, जिसकी बिक्री में हाल के वर्षों में गिरावट आई है. अधिकारियों के मुताबिक, ग्राहक एक ऑल-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन पर रु.5,000 से रु.10,000 तक की बचत कर सकते हैं. हालाँकि, बचत का बड़ा हिस्सा चार-पहिया ईवी खरीदने वालों को जाएगा. उदाहरण के लिए, सबसे महंगी टाटा नेक्सॉन ईवी (कीमत रु.17.19 लाख) के खरीदारों को पुराने मानदंडों के अनुसार रु.1 लाख से अधिक का भुगतान करना होगा. नए नियम से उन्हीं खरीदारों को केवल लगभग रु.17,000 का भुगतान करना होगा.
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राज्य में 2024 में ईवी की बिक्री में 43.5 प्रतिशत की गिरावट आई, 50,010 यूनिट्स की बिक्री हुई. जानकारी के लिए, 2023 में गुजरात में बेचे गए ईवी की संख्या 88,614 ईवी थी. इस मंदी का एक कारण सरकार द्वारा ईवी सब्सिडी (दोपहिया वाहनों के लिए रु.25,000, चार पहिया वाहनों के लिए रु.1.50 लाख) को बंद करना था. इसके अलावा, राज्य ने मैक्सी कैटेगरी के तहत वर्गीकृत सभी वाहनों पर कर दरों को संशोधित कर छह प्रतिशत कर दिया है.